Acharya Chanakya कौन थे ?
Acharya Chanakya को कौन नहीं जानता है। आचार्य चाणक्य एक ऐसे महान विभूति थे। जिन्होंने अपने बुद्धि-विवेक से भारतीय इतिहास की धारा को बदल कर रख दिया।chanakya को लोग कौटिल्य के नाम से भी जानते हैं। का असली नाम विष्णु गुप्त था। उनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा तक्षशीला से हासिल की थी। आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त के महामंत्री थे। आचार्य चाणक्य एक महान दार्शनिक , लेखक , कूटनीतिज्ञ , शिक्षक अर्थशास्त्री , राजनीतिक थे। आचार्य चाणक्य ने ही सबसे पहले अखंड भारत की स्थापना की थी। आचार्य चाणक्य ने मगध में पाटलिपुत्र में नंद वंश को जड़ से उखाड़ फेंकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में भी विश्वविख्यात हुए। इतनी सदियाँ गुजरने के बाद आज भी यदि चाणक्य के द्वारा बताए गए सिद्धांत और नीतियाँ प्रासंगिक हैं। तो मात्र इसलिए क्योंकि उन्होंने अपने गहन अध्ययन, चिंतन से अर्जित अमूल्य ज्ञान को पूरी तरह नि:स्वार्थ होकर मानवीय कल्याण के उद्देश्य से अभिव्यक्त किया। तो चलिए आचार्य चाणक्य के सिद्धांतों और नीतियों को जानते हैं।
9. काम, क्रोध, और लोभ – ये आत्मा का नाश करने वाले नरक के तीन दरवाजे हैं, अतः इन तीनो को त्याग देना चाहिए।
10. विदुर धृतराष्ट्र से कहते हैं : राजन ! ये दो प्रकार के पुरुष स्वर्ग के भी ऊपर स्थान पाते हैं – शक्तिशाली होने पर भी क्षमा करने वाला और निर्धन होने पर भी दान देनेवाला ।
11. किसी धनुर्धर वीर के द्वारा छोड़ा हुआ बाण संभव है किसी एक को भी मारे या न मारे। मगर बुद्धिमान द्वारा प्रयुक्त की हुई बुद्धि राजा के साथ-साथ सम्पूर्ण राष्ट्र का विनाश कर सकती है।
आचार्य चाणक्य के अनमोल विचार
17. जिस धन को अर्जित करने में मन तथा शरीर को क्लेश हो, धर्म का उल्लंघन करना पड़े, शत्रु के सामने अपना सिर झुकाने की नौबत आयें , उसे प्राप्त करने का विचार ही त्याग देना चाहिए।
Acharya Chanakya Quotes in Hindi
34. सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और ।
35. दूसरों के सहारे जीवन निर्वाह करने वाला क्यों कि वह हमेशा दूसरे के एहसानों के नीचे दबा रहता है।
Acharya Chanakya के प्रेरणादायक विचार
36. चाणक्य नीति के अनुसार अगर दौलत, मित्र, पत्नी और राज्य गंवा दिया जाए तो ये वापस मिल सकते हैं, लेकिन अगर आपको रोग घेर लेते हैं और यदि आप अपनी काया गंवा देते है और ये वापस नहीं मिलेगी।
37. आचार्य चाणक्य का मानना है कि किसी को सबसे ज्यादा नुकसान उसका राजदार पहुंचा सकता है। इसलिए व्यक्ति को कभी भी ऐसे लोगों से नहीं उलझना चाहिए। आचार्य कहते हैं कि विभीषण रावण के राज जानता था और उसने वह राज भगवान राम को बता दिए थे। इस वजह से रावण युद्ध में मारा गया था। इसलिए कभी अपने राजदार से न उलझें।
38. काम वासना मे लिप्त व्यक्ति और दूसरे से इर्ष्या करने वाले व्यक्ति कभी खुश नहीं रह सकता।
39. मनुष्य को विपरीत परिस्थितियों में भी सकारात्मक सोच रखनी चाहिए। परिस्थिति चाहे जैसी भी मनुष्य को धैर्य न खोएं। अगर आप ऐसा करते हैं तो आधी लड़ाई आप बिना लड़े ही जीत जाएंगे।
40. लालची व्यक्ति कभी खुश नहीं रह सकता क्योंकि लालच एक ऐसी चीज है जो कभी पूरी नहीं होती है।
41. जो दुसरो के धन, सौन्दर्य, बल, कुल, सुख, सौभाग्य व सम्मान से ईष्या करते हैं, वे सदैव दुखी रहते हैं।
42. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इस धरती पर अन्न, जल और मीठे वचन ये ही वास्तविक रत्न हैं। मगर मूर्ख लोगों को लगता है कि पत्थर के टुकड़े रत्न हैं। व्यक्ति के कर्म जैसे भी हों वे सदा उसके पीछे चलते है।
43. पहले पांच साल अपने बच्चे के साथ दुलारे की तरह व्यवहार करें। अगले पांच साल तक उन्हें डांटो। जब तक वे सोलह वर्ष के नहीं हो जाते, तब तक उनके साथ एक मित्र की तरह व्यवहार करें। आपके बड़े हो चुके बच्चे आपके सबसे अच्छे दोस्त हैं।
44. सच्चा पुत्र आज्ञाकारी होता है, सच्चा पिता प्रेम करने वाला होता है, और सच्चा मित्र ईमानदार होता है।
45. चाणक्य नीति कहती है कि ये बातें कभी नहीं छुपती. पानी पर तेल, दुर्जन व्यक्ति को बताया हुआ रहस्य, एक योग्य व्यक्ति को दिया हुआ दान और एक बुद्धिमान व्यक्ति को पढ़ाया हुआ शास्त्रों का ज्ञान अपने स्वभाव के कारण तेजी से फैलते हैं।
Acharya Chanakya के अनमोल वचन
46. एक मूर्ख व्यक्ति के लिए किताबें उतनी ही उपयोगी होती हैं, जितना कि एक अंधे व्यक्ति के लिए आईना।
47. बीमारी, दुर्भाग्य, अकाल और आक्रमण के समय जो कोई भी आपकी सहायता करता है, वही वास्तविक अर्थों में आपका सच्चा भाई है।
48. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कभी अपनी पूरी कमाई किसी को नहीं बतानी चाहिए। फिर चाहे वो कितना भी करीबी क्यों न हो। सिर्फ इतना ही नहीं साथ ही अगर किसी के साथ लेन-देन में पैसों का नुकसान हो जाए तो भी बात गुप्त रखें।
49. एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने बच्चे को सावधानी से पालता है क्योंकि उच्च मनोबल वाले शिक्षित व्यक्ति को ही समाज में सच्चा सम्मान मिलता है।
50. आपको आपको दान उतना ही करनी चाहिए जिससे आपकी आपकी खुद की आर्थिक स्थिति ना बिगड़े. आपकी आर्थिक स्थिति जीतने की इजाजत दे उतनी ही दान करें।
51. एक अशिक्षित व्यक्ति का जीवन कुत्ते की पूंछ की तरह बेकार है जो न तो उसके पिछले सिरे को ढकती है और न ही कीड़ों के काटने से बचाती है।
52. किसी व्यक्ति की उत्पत्ति का अनुमान उसके व्यवहार से, उसके मूल स्थान का उसके स्वर से, और उसके भोजन के सेवन का अनुमान उसके पेट के आकार से लगाया जा सकता है।
53. एक बार जब आप किसी चीज़ पर काम करना शुरू कर दें। असफलता से डरो मत और उसका परित्याग मत करो। जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वे सबसे ज्यादा खुश होते हैं।
54. दूसरों की गलतियों से सीखें। आप उन सभी को स्वयं बनाने के लिए पर्याप्त समय तक जीवित नहीं रह सकते। एक अकेला चंद्रमा अंधेरे को दूर करता है, जो कई तारे भी मिलकर नहीं कर सकते।
55. चाणक्य के अनुसार स्वार्थी व्यक्ति कभी किसी का भला नहीं जा सकता इसलिए आपको इन लोगों से दूर रहना चाहिए। स्वार्थी लोग केवल अपने बारे में सोचते हैं और अपने भलाई के लिए आपको भी जोखिम में डाल सकते हैं। स्वार्थी लोगों से आपको धोखे के अलावा कुछ नहीं मिल सकता।
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